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नवीन कृषि नीति

खुशखबरी: इस राज्य में कृषि संबंधित नयी नीति जारी करेगी राज्य सरकार

खुशखबरी: इस राज्य में कृषि संबंधित नयी नीति जारी करेगी राज्य सरकार

पंजाब सरकार ने प्रदेश में कृषि प्रणाली को बेहतर बनाने हेतु ३१ जनवरी २०२३ को नवीन कृषि नीति को जारी करने की योजना बनाई है। जानिए किसानों के हित में इसमें क्या क्या लाभ हैं। देश की कृषि अर्थव्यवस्था में पंजाब जो कि एक कृषि प्रधान राज्य है, जिसने अपना अहम योगदान दिया है। प्रदेश के किसान खाद्यान्न से लेकर बागवानी फसलों का भी अच्छा खासा उत्पादन कर रहे हैं। पंजाब राज्य के किसानों को भी विभिन्न समस्याओं से झूझना पड़ रहा है। इसी कारण से अब राज्य सरकार द्वारा बेहतरी हेतु नवीन कृषि नीतियों को जारी करने का निर्णय लिया गया है। इस संदर्भ में स्वयं पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल (Kuldeep Singh Dhaliwal ने अवगत किया है। पंजाब राज्य में किसान एवं कृषि श्रमिक आयोग द्वारा आयोजित किसान गोष्ठी के मौके पर पंजाब के कृषि विकास मॉडल-कुछ नीतिगत मुद्दे' से संबंधित संबोधन करते हुए कृषि मंत्री धालीवाल ने विस्तृत रूप से नवीन कृषि नीतियों से जुड़ी जानकारी दी हैं। हम इस लेख में यही जानेंगे कि नवीन कृषि नीति से पंजाब के कृषकों व कृषि हेतु विशेष क्या रहने वाला है।

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आखिर किन चीजों पर ध्यान केंद्रित करना है

किसान गोष्टी को संबोधित करते हुए पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल का कहना है कि पंजाब की भूगोल, मृदा स्वास्थ्य एवं कृषि में जल की उपलब्धता पर जोर देते हुए पंजाब की नवीन कृषि नीति जारी होगी जिसके लिए कार्य प्रारंभ हो चुका है, साथ ही अच्छे नतीजों हेतु देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक, विशेषज्ञ एवं किसान संगठनों से जुड़कर विचार-विमर्श किया जा रहा है।

किन क्षेत्रों में बेहतरी की आवश्यकता है

किसान गोष्ठी के दौरान 'पंजाब के कृषि विकास मॉडल-कुछ नीतिगत मुद्दे' पर संबोधन के दौरान पंजाब राज्य के कृषि मंत्री धालीवाल ने भूतपूर्व सरकारों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान समय में पंजाब पुरानी गलत नीतियों की वजह से आज पंजाब का पर्यावरण, उपजाऊ भूमि, शुद्ध जल, हवा पूर्णरूप से विपरीत स्थिति में है। राज्य में प्रदूषित जल, जहरीली हवा और बंजर भूमि होती जा रही है, जिसको बेहतर नीति एवं दृण निश्चय के साथ सख्ती से बेहतर बनाया जाएगा।

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प्राकृतिक खेती हेतु क्या नीति बनाई गयी है

कृषि मंत्री धालीवाल के अनुसार प्राकृतिक खेती हेतु विशेष रूप से कृषि नीति बनाने की घोषणा की है। धालीवाल का कहना है, कि कृषि में उर्वरक, रासायनिक खरपतवारनाशक दवाएं एवं कीटनाशकों से लोगों को स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो रही हैं। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु जलवायु के अनुसार कार्य करना होगा, क्योंकि किसानों का कार्य केवल खेती-किसानी तक ही सीमित नहीं है। यह प्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य से सम्बंधित विषय है। राज्य सरकार किसानों को मशीनीकरण की तरफ प्रोत्साहित कर रही है, जिससे किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकें इसलिए किसानों को मशीनों का प्रयोग करना चाहिए।
द्रौपदी मुर्मू के द्वारा स्वीकृत किए गए इस विधेयक से 11 हजार काश्तकारों को मिलेगा लाभ

द्रौपदी मुर्मू के द्वारा स्वीकृत किए गए इस विधेयक से 11 हजार काश्तकारों को मिलेगा लाभ

राज्य सरकार के अनुसार, यह अधिनियम कृषि सुधार से जुड़ा कदम है। इससे कृषि क्षेत्र में निवेश को काफी प्रोत्साहन मिलेगा एवं पैदावार भी बढ़ेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पंजाब के एक विधेयक को स्वीकृति प्रदान करदी गई है। मंजूरी मिलते ही यह विधेयक फिलहाल कानून में परिवर्तित हो गया है। इस कानून के चलते प्रदेश के 4,000 एकड़ से ज्यादा भूमि पर कब्जा रखने वाले 11,200 से भी अधिक काश्तकारों को मालिकाना हक मिल पाएगा। एक अधिकारी का कहना है, कि सरकार को आशा है, कि यह कानून भूमि जोतने वालों को मजबूत करेगा। साथ ही, जो लोग समाज में आर्थिक एवं सामाजिक तौर से लाचार, उन्हें भी सशक्त बनाएगा। जानकारी के अनुसार, यह काश्तकार बहुत सालों से जमीन के छोटे-छोटे हिस्सों पर काबिज हैं।साथ ही, पीढ़ी-दर-पीढ़ी उत्तराधिकारी के तौर पर स्वयं का अधिकार प्राप्त करते हैं। चूंकि, वह पंजीकृत स्वामी नहीं थे, इसलिए ना तो वह वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त कर सकते थे। साथ ही, किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में उन्हें सहायता मिलती थी। लेकिन अब उन्हें अन्य भूस्वामियों की तरह सभी लाभ मिलेंगे।

कृषि क्षेत्र में निवेश और उत्पादकता में वृद्धि होगी

इस विधेयक से समुचित सहायक धनराशि का भुगतान करने के उपरांत 4,000 एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्जा रखने वाले 11,200 से ज्यादा काश्तकारों को संपत्ति के अधिकार की अनुमति देता है। साथ ही, एक आधिकारिक बयान में बताया गया है, कि यह अधिनियम कृषि सुधार से संबंधित कदम है। वहीं, इससे कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा एवं पैदावार भी बढ़ेगी।

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इन समुदायों को मिलेगा अधिकार

इस विधेयक को स्वीकृति मिलते ही पंजाब में मुकर्ररिदार, मुंधिमार, पनाही कदीम, सौंजीदार, ताराद्दादकर, भोंदेदार, बुटेमार, डोहलीदार, इंसार मिआदी समुदायों को संपत्ति का हक मिल गया है। इन समुदायों के व्यक्ति बहुत सालों से 4 हजार एकड़ भूमि के रकबे पर काबिज थे। वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा स्वीकृति मिलते ही इन समुदाय के लोगों के मध्य खुशियों की लहर चल रही है। इन लोगों द्वारा सरकार और राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा किया है। दरअसल, इस विधेयक, वर्ष 2020 में पंजाब विधानसभा में उस समय पारित किया गया था जब राज्य में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी।

नवीन कृषि नीति जारी की जाएगी

बतादें कि पंजाब सरकार किसानों की प्रगति के लिए नवीन कृषि नीति पर भी कार्य चल रहा है। विगत माह पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया था कि नवीन कृषि नीति तैयार करने हेतु कृषि विशेषज्ञों की 11 सदस्यीय समितियों का गठन कर दिया गया है। यह समिति 31 मार्च तक नवीन कृषि नीति निर्मित कर लेगी। विगत सरकार द्वारा भी इस पर कवायद की थी, परंतु नीति को कभी अधिसूचित नहीं किया था।